हरियाणा

Farmer’s Protest: जगजीत सिंह डल्लेवाल को उनके जिदी रवैये को रोकने की अनुमति दी जाए

Farmer’s Protest: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबियत को लेकर चिंता व्यक्त की है। डल्लेवाल पिछले 40 दिनों से किसानों की विभिन्न मांगों के लिए भूख हड़ताल पर हैं और उनकी तबियत लगातार बिगड़ती जा रही है। हुड्डा ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह अपनी जिदी रवैये को छोड़ दे और किसानों की मांगों को मानते हुए डल्लेवाल की भूख हड़ताल को तुरंत खत्म कराए।

डल्लेवाल की भूख हड़ताल और उनकी स्वास्थ्य स्थिति

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पिछले 40 दिनों से केंद्र सरकार पर किसानों की मांगों को स्वीकार करने का दबाव बना रहे हैं। इनमें सबसे बड़ी मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी है। डल्लेवाल ने अपनी भूख हड़ताल के दौरान किसी भी चिकित्सा सहायता को लेने से इंकार कर दिया है, जिसके कारण उनकी तबियत बहुत खराब हो गई है।

किसानों की मांगें पूरी तरह से जायज – हुड्डा

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि डल्लेवाल की जान सबके लिए कीमती है। हुड्डा ने कहा, “डल्लेवाल अपनी व्यक्तिगत भलाई के लिए नहीं, बल्कि किसानों की जायज मांगों के लिए अनशन पर हैं।” कांग्रेस नेता ने बताया कि किसानों की विभिन्न मांगें, जिनमें MSP की कानूनी गारंटी प्रमुख है, बिल्कुल जायज हैं और ये लंबे समय से लंबित हैं। हुड्डा ने यह भी कहा कि हरियाणा में किसानों को अनाज पर MSP नहीं मिल रहा है, जो एक गंभीर मुद्दा है।

किसान केवल वादा याद दिला रहे हैं – भूपेंद्र हुड्डा

हुड्डा ने आगे कहा, “बीजेपी ने खुद किसानों से MSP देने का वादा किया था और अब किसानों को अपनी मांग याद दिलानी पड़ रही है। केंद्र सरकार को अपनी जिदी रवैये को छोड़ देना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार और बीजेपी दोनों ही किसान विरोधी हैं। हुड्डा ने यह आरोप भी लगाया कि केंद्रीय कृषि मंत्री दिल्ली के मुख्यमंत्री को यह शिकायत पत्र लिख रहे हैं कि किसान बिजली के वाणिज्यिक दरों पर प्राप्त कर रहे हैं।

किसान आंदोलन: 'जगजीत सिंह डल्लेवाल को उनके जिदी रवैये को रोकने की अनुमति दी जाए', भूपेंद्र हुड्डा ने केंद्र सरकार से की मांग

भूपेंद्र हुड्डा ने बीजेपी पर साधा निशाना

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा और कहा कि बीजेपी शासित राज्यों में किसानों को बिजली के सस्ते दर क्यों नहीं मिल रहे। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जब उनकी सरकार हरियाणा में थी, तब किसान को 10 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली दी जाती थी।

किसान आंदोलन की अहमियत

किसान आंदोलन अब केवल हरियाणा या पंजाब तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह पूरे देश में महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुका है। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और अन्य किसान आंदोलनकारी यह सुनिश्चित करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं कि उनकी आवाज सुनी जाए और उनकी मांगों को सरकार द्वारा स्वीकार किया जाए। भूपेंद्र सिंह हुड्डा का मानना है कि किसानों की मांगें पूरी तरह से जायज हैं और अब वक्त आ गया है कि केंद्र सरकार उन्हें गंभीरता से सुने और उनकी समस्याओं का समाधान निकाले।

केंद्र सरकार से अपील

हुड्डा ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह डल्लेवाल की भूख हड़ताल को लेकर अपनी जिदी नीति को छोड़ दे। उन्होंने कहा कि यह सरकार का कर्तव्य है कि वह किसानों के हितों की रक्षा करे और उनकी जायज मांगों का समाधान निकाले। किसानों की जान की कीमत से कोई समझौता नहीं किया जा सकता और सरकार को इस गंभीर स्थिति को तुरंत सुलझाना चाहिए।

किसान आंदोलन और जगजीत सिंह डल्लेवाल की भूख हड़ताल ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा किया है कि क्या केंद्र सरकार किसानों की परेशानियों को समझ रही है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा की इस अपील से यह स्पष्ट है कि किसान नेताओं की मांगें केवल राजनीतिक नहीं हैं, बल्कि वे एक वास्तविक समस्या का समाधान चाहती हैं। अब देखना यह होगा कि केंद्र सरकार इस आंदोलन को किस दिशा में ले जाती है और क्या किसानों की आवाज सुनी जाती है।

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